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सतना जिला के (pankaj singh ) पंकज सिंह कैसे बने एक बिजनेसमैन, आइए जानते हैं उन्ही की जुबानी..

मैं युवा उद्यमी हूं..

आज के इस खास विषय में बात करने के लिए हमने चुना है,सतना जिले के युवा उद्यमी पंकज सिंह (pankaj singh)को। आप विंध्या एग्रो और गैवीनाथ कृषक प्राडूसर कंपनी लिमिटेड का संचालन कर रहे हैं।

संघर्ष से सफलता की दस्तां (pankaj singh)

पंकज कहते (pankaj singh)हैं कि मैंने अपने कैरियर की शुरूआत जमीनी स्तर से की है, कृषि में स्नातक करने के साथ ही मैं गैविनाथ कृषक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की नीव रखी। ये स्टार्टअप शुरू तो हुआ, पर कई झटके भी मिले। लाखों का घाटा हुआ, पर हर एक घाटे से नया सबक सीखा है। इससे पहले मैं ठेकेदारी, पुट्टी, पेंटिंग, कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में काम करता था। 2016 तक मेरा बीएससी एजी कंपलीट हो चुका था। तभी रंजन त्रिपाठी से मुलाकात हुई, उन्होंने मेरी स्टडी के अनुसार, बिजनेस का मार्गदर्शन दिया. फिर मैंने फर्टीलाइजर, इंपलीमेंट, कृषि यंत्र का काम शुरू किया।

गैविनाथ से 65 युवाओं को दी जॉब्स

कुछ कामों में सफलता मिली तो वहीं, कुछ प्रोजेक्ट फेल हुए। जिससे घाटा हुआ पर मैंने कदम पीछे नहीं किए। आज गैविनाथ कृषक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने 65 युवाओं को विंध्य क्षेत्र में रोजगार दे रखा है। करीब 25 हजार से अधिक किसान हमारे सीधे संपर्क में है। अच्छा लगता है जब आप युवा होने के साथ युवा हाथों को काम देते हैं। पंकज कहते हैं कि ये पूरा स्टार्टअप मैंने अपने एक दोस्त के 30 हजार रुपए से शुरू किया था। इस पैसे को बाजार में कई बार रोटेट करके एक स्टॉक बनाया है। आज ये पूंजी बुनियाद बन चुकी है

पंकज कहते हैं, युवाओं के पास एक लक्ष्य होना चाहिए। जरूरी नहीं की शुरूआती दौर में ही आपका बिजनेस प्लान सक्सेज हो जाए। कई बार घाटा होता है,तो इसका मतलब ये नहीं कि आप हारकर बैठ जाएं। क्योंकि जब आपका एक कोई बिजनेस प्लान सक्सेज हो जाएगा तो सारा घाटा रिकवर हो जाएगा। इसलिए हर दम कोशिश जारी रखें।

सोच में बदलाव लाना जरूरी

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